Cibil Score Card Impact: अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं या क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते हैं, तो आपके लिए सिबिल स्कोर का अच्छा होना बेहद जरूरी है। अब सिबिल स्कोर से जुड़े कुछ नए नियम लागू होने वाले हैं, जो आपकी आर्थिक जिंदगी को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे। इस आर्टिकल में हम आपको इन 5 नए नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिन्हें जानकर आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं और आर्थिक परेशानियों से बच सकते हैं।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको सिबिल स्कोर से जुड़ी हर जरूरी जानकारी मिल जाएगी। हमने यहां सरल भाषा में सभी बातों को समझाया है, ताकि आप आसानी से समझ सकें। इसलिए, इसे अंत तक जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।
सिबिल स्कोर क्या है और यह क्यों मायने रखता है?
सिबिल स्कोर एक 3 अंकों वाली संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच में होती है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है और बैंक या वित्तीय संस्थान इसके आधार पर तय करते हैं कि आप लोन के लिए कितने विश्वसनीय हैं। अगर आपका सिबिल स्कोर 750 या उससे अधिक है, तो आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में आसानी होती है। वहीं, कम स्कोर होने पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
1. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) का बढ़ता प्रभाव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) का सिबिल स्कोर पर ज्यादा असर होगा। CUR का मतलब है कि आप अपने कुल क्रेडिट लिमिट का कितना हिस्सा इस्तेमाल करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब अगर आप अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल करेंगे, तो इसका असर आपके स्कोर पर नकारात्मक तरीके से पड़ेगा। इसलिए, कोशिश करें कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल करें या बिल समय पर चुकाएं।
2. लोन की EMI में देरी से स्कोर पर बड़ा असर
सूत्रों के मुताबिक, अब लोन की EMI या क्रेडिट कार्ड बिल में देरी करने पर सिबिल स्कोर ज्यादा गिरेगा। पहले छोटी देरी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन नए नियमों के तहत एक दिन की देरी भी आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, अपने सभी भुगतान समय पर करने की आदत डालें।
3. क्रेडिट मिक्स का बढ़ता महत्व
मीडिया के अनुसार, अब सिबिल स्कोर कैलकुलेशन में क्रेडिट मिक्स का रोल बढ़ गया है। क्रेडिट मिक्स का मतलब है कि आपके पास किस तरह के लोन या क्रेडिट हैं। अगर आपके पास सिर्फ क्रेडिट कार्ड ही हैं या सिर्फ पर्सनल लोन, तो यह आपके स्कोर को कम कर सकता है। बेहतर होगा कि आपके पास अलग-अलग तरह के क्रेडिट हों, जैसे होम लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड।
4. क्रेडिट इन्क्वायरी का स्कोर पर असर
आपको बता दें कि अब क्रेडिट इन्क्वायरी (जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं) का सिबिल स्कोर पर ज्यादा असर होगा। अगर आप कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो इससे आपका स्कोर गिर सकता है। इसलिए, जब भी लोन लेने की सोचें, पहले अपनी योग्यता चेक कर लें और फिर एक या दो जगह ही अप्लाई करें।
5. सिबिल स्कोर की फ्री रिपोर्ट में बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब आपको साल में एक बार की बजाय हर महीने फ्री में अपना सिबिल स्कोर चेक करने का मौका मिलेगा। यह एक कमाल का बदलाव है, क्योंकि इससे आप अपने स्कोर पर नजर रख सकते हैं और समय रहते सुधार कर सकते हैं। आप सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना स्कोर चेक कर सकते हैं।
सिबिल स्कोर सुधारने के आसान तरीके
- सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम करें या लिमिट का 30% से ज्यादा न उपयोग करें
- एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई न करें
- अपना सिबिल स्कोर नियमित रूप से चेक करते रहें
- अगर कोई गलती दिखे तो तुरंत सुधार के लिए कदम उठाएं
इन नए नियमों को ध्यान में रखकर आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं। याद रखें, एक अच्छा सिबिल स्कोर न सिर्फ लोन पाने में मदद करता है, बल्कि इससे आपको कम ब्याज दर पर भी लोन मिल सकता है। इसलिए, अपने स्कोर को लेकर सजग रहें और इन टिप्स को फॉलो करें।