Budget2025 Offer: क्या आप भी हर साल इनकम टैक्स के नाम से परेशान हो जाते हैं? क्या आपकी कड़ी मेहनत से कमाई गई आमदनी का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में चला जाता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में लाखों लोग इसी परेशानी का सामना करते हैं। लेकिन अब, बजट 2025 में आए कुछ कमाल के बदलावों ने आपकी टैक्स बचत की उम्मीदों को एक नई जान दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब 25 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले लोग भी खुद की टैक्स बचत को बढ़ा सकते हैं। यह लेख आपके लिए एक पूरी गाइड की तरह है, जहां हम आपको बजट 2025 में प्रस्तावित इनकम टैक्स से जुड़े सभी नए नियमों और छूटों के बारे में सीधा और आसान भाषा में बताएंगे।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमने यहां हर छोटी-बड़ी जानकारी को शामिल किया है ताकि आप पूरी तरह से समझ सकें कि नए बजट के तहत आपकी टैक्स बचत कैसे बढ़ सकती है। चाहे आप सैलरी कमाने वाले हैं या फिर बिजनेस करते हैं, यहां आपके लिए जरूरी सभी बातें मौजूद हैं। तो, आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें और अपने वित्तीय प्लानिंग को एक नई दिशा दें।
बजट 2025: 25 लाख तक की आमदनी पर कैसे बचेगा टैक्ट?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, बजट 2025 में इनकम टैक्ट स्लैब में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन, स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने और कुछ नए एक्सेम्प्शन को जोड़ने का प्रस्ताव है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि अब आप अपनी टैक्सेबल इनकम को और भी कम कर सकते हैं। मीडिया के अनुसार, नए प्रस्तावों के तहत, अगर आप सही तरीके से इन्वेस्टमेंट और खर्चों का हिसाब रखते हैं, तो 25 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले लोग भी खुद को शून्य टैक्ट के दायरे में ला सकते हैं या फिर उनका टैक्ट बोझ काफी कम हो सकता है। यह एक बहुत बड़ी राहत की बात है, खासकर उन छोटे वर्ग के लोगों के लिए जिनकी आमदनी थोड़ी ज्यादा है और वे टैक्ट के नाम पर हर साल एक मोटी रकम अदा करते हैं।
टैक्ट बचत के नए तरीके और बढ़े हुए लिमिट
बजट 2025 में टैक्ट बचत के लिए कुछ मौजूदा विकल्पों की सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। आपको बता दें, इनमें से ज्यादातर प्रस्ताव टैक्टपेयर्स की लंबे समय से चली आ रही मांगों पर आधारित हैं।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन की बढ़ोतरी: मौजूदा समय में सैलरी क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये है। नए बजट में इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब यह हुआ कि आपकी सैलरी में से पहले ही 75,000 रुपये टैक्ट के लिए नहीं गिने जाएंगे।
- सेक्शन 80C under निवेश: अभी 80C के तहत निवेश की सीमा 1.5 लाख रुपये है। सूत्रों के मुताबिक, इसे 2.5 लाख रुपये तक बढ़ाने पर विचार चल रहा है। इसमें ELSS, PPF, जीवन बीमा प्रीमियम, बच्चों की फीस जैसी चीजें शामिल हैं।
- होम लोन पर ब्याज: घर बनवाने या खरीदने के लिए लिए गए लोन पर ब्याज के लिए अलग से 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। इसे भी बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे महंगे शहरों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा।
- स्वास्थ्य बीमा: कोविड-19 के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत और बढ़ गई है। इसलिए, सेक्शन 80D under हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की सीमा को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये तक किए जाने की उम्मीद है।
नए टैक्ट रिजीम में क्या है खास?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार पुराने और नए टैक्ट रिजीम को और ज्यादा आकर्षक बनाने पर काम कर रही है। नए टैक्ट रिजीम में बिना任何 deduction के कम टैक्ट दर का ऑप्शन है। हो सकता है कि नए बजट में इस रिजीम की आकर्षकता बढ़ाने के लिए इसमें कुछ जरूरी deduction को शामिल करने की इजाजत दी जाए। वहीं, पुराने रिजीम में deduction का फायदा लेना जारी रहेगा। आपकी आमदनी के स्रोत और खर्चों के आधार पर आपको अपने लिए सही रिजीम चुनने का फैसला करना चाहिए।
टैक्ट बचाने के लिए आपको क्या करना चाहिए?
सिर्फ नियम जानना ही काफी नहीं है, असली फायदा तब होता है जब आप इन्हें सही समय पर लागू करते हैं। आमतौर पर लोग वित्तीय वर्ष के आखिरी कुछ महीनों में घबराकर निवेश करते हैं। इस बार पहले से ही प्लान बना लें।
- अपनी सालाना आमदनी और खर्चों का एक शुरुआती अनुमान लगाएं।
- उपर बताए गए निवेश के विकल्पों पर रिसर्च करें और अपनी जरूरत के हिसाब से सही जगह पैसा लगाने का प्लान बनाएं।
- अगर आपके पास होम लोन या हेल्थ इंश्योरेंस है, तो उनके दस्तावेज पहले से तैयार रखें।
- किसी भी तरह का निवेश करने से पहले, अगर जरूरत हो तो, किसी वित्तीय सलाहकार से जरूर बात कर लें।
बजट 2025 में प्रस्तावित ये बदलाव आम लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी पर सीधा और अच्छा असर डाल सकते हैं। टैक्ट में होने वाली इस बचत का इस्तेमाल आप और बेहतर निवेश, परिवार की बेहतरी या फिर अपने सपनों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। यह सिर्फ कागजों पर आंकड़े बदलने की बात नहीं है, बल्कि यह आपकी मेहनत की कमाई को आपके पास ही रखने का एक बेहत